सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर रामपुर में आतंकी हमले के दोषी दो पाकिस्तानी आतंकियों सहित चार को फांसी की सजा दो अलग-अलग मामलों में सुनाई गई, साथ ही 50- 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। शनिवार को तृतीय अपर जिला सत्र न्यायाधीश संजय कुमार की अदालत ने फैसला सुनाया।इसी मुकदमे में अदालत ने मुरादाबाद के जंग बहादुर बाबा को हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 50 हजार का जुर्माना लगाया जबकि फर्जी पासपोर्ट और पिस्टल के साथ गिरफ्तार हुए मुंबई के फहीम अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। इस पर 95 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
31 दिसंबर 2007 की रात 2:30 बजे आतंकियों ने सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमला किया था।आतंकी दिल्ली लखनऊ मार्ग स्थित सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के गेट नंबर 1 से अंदर घुसे थे। यहां गेट से पहले रेलवे क्रॉसिंग भी है। क्रॉसिंग पर बने गेटमैन के केबिन के पास 3 जवान आग जला कर बैठे थे आतंकियों ने तीनों को मौत के घाट उतार दिया था।इसके बाद आतंकियों ने सीआरपीएफ गेट पर मौजूद जवानों पर एके-47 से गोलियां बरसाईं और हैंड ग्रेनेड फेंके। यहां से आतंकी सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के अंदर घुस गए थे और वहां भी कत्लेआम किया था। बाद में आतंकी सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर की दीवार कूद कर भाग गए थे।इस हमले में सीआरपीएफ के 7 जवान शहीद हुए थे जबकि एक रिक्शा चालक की भी मौत हो गई थी।पुलिस ने हमले के आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार भी किया था ।